नई दिल्ली: इंसानियत को पैरों तले कुचलने वाले अभी भी जिन्दा धूम रहे है। दिल्ली में निर्भया के साथ जब दरिंदों ने हैवानियत की थी, इस घटना ने देश को झिझोर दिया था। निर्भया जैसा साथ जो हुआ, वह भविष्य में ना हो। इसके लिए देश की सड़कों पर लोगों का हजूम निकल आया था। निर्भया कांड काफी समय तक मीडिया की हैडलाइन बना रहा। हर कोई इस दुखद घटना से दुखी नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था देश के लोग जाग गए है। अब किसी बेटी के साथ निर्भया जैसी हैवानियत नहीं होगी, क्योंकि देश जाग चुका हैं।
लेकिन हाल ही में दिल्ली के निर्भया कांड-2 ने इस सब पर प्र्शन चिन्ह लगा दिया है। यह बड़े ही दुःख की बात है कि एक बार फिर से दिल्ली में जिन्दा घूम रहे दरिंदों ने नौकरी छोड़कर उसने अपना जीवन विशेष रूप से गरीबों, महिलाओं और हाशिए के समुदायों के लिए समाज सेवी बनी बेटी के शरीर को नोंच डाला। समाज सेवी के रूप में काम करते हुए गरीब और लाचार महिलाओं का दर्द दूर वाली बेटी को हवस के दरिंदों ने उसे ऐसा दर्द दिया कि वह उसे कभी भूला नहीं पायेगी। मास्टर इन सोशल वर्क डिग्री होल्डर यह बेटी बड़े सपने लेकर दिल्ली आई थी। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक इस युवती ने साल 2009-2011 सहायक नर्सिंग मिडवाइव्स और 2011-2013 मास्टर इन सोशल वर्क की डिग्री हासिल की थी। पीड़िता ने एचआईवी एड्स के साथ रहने के लिए रिसर्च फेलो ले रखी है। साल 2014-2018 में नर्सिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वह ओडिसा में काउंसलर बनी। वह एक एनजीओ में फैसिलिटेटर थीं। पीड़िता तीन भाषाओं का ज्ञान रखती है।
दिल्ली में वसंत विहार निर्भया केस फिर दोहराया गया। पीड़िता युवती 10 व 11 अक्तूबर की रात पुरानी दिल्ली पुलिस रेलवे स्टेशन से निकलकर रात करीब नौ बजे आईटीओ पहुंच थी। वहीं पर दो आरोपी प्रमोद व शमशुल उसे मेट्रो स्टेशन के पास अंधेरे में झाड़ियों में खींचकर ले जा रहे थे। इस सब को वहीं पर मौजूद ऑटो चालक प्रभु देख रहा था। उसके बाद तीनों ने मिलकर उसके साथ दरिंदगी की। आरोपियों ने अपनी हवस मिटाने के लिए युवती के शरीर को बुरी तरह नोंच डाला। इसके बाद भी आरोपियों की दरिंदगी खत्म नहीं हुई। ऑटो चालक प्रभु उसे ऑटो में डालकर रिंग रोड व फिरोशाह कोटला किले के पीछे सर्विस रोड पर ले गया। यहां उसने युवती के साथ ऑटो में कई बार रेप व दरिंदगी की। इसके बाद आरोपी उसे अर्धनग्न अवस्था में छोड़ दिया।
आरोपियों की दरिंदगी के कारण युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। ओडिशा की ये युवती (34) अर्धनग्न अवस्था में राजघाट से पैदल चलते हुए सराय कालेखां पहुंच गई। युवती के निजी अंगों से खून बहता रहा था। हैरानी वाली बात तो यह है कि रिंग रोड पर हजारों वाहन गुजर रहे थे, लेकिन किसी को युवती पर दया नहीं आई। पता चला है कि सराये कालेखां पर युवती को देखकर एक नौसेना के अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी। गहरा सदमा लगने के कारण युवती अभी एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती है। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने तीन आरोपियों ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाला प्रमोद और शमशुल लगड़ा को गिरफ्तार कर लिया है।