चंडीगढ़, (मनमोहन सिंह): कपूरथला से कांग्रेस विधायक सरदार राणा गुरजीत सिंह ने आज पंजाब विधानसभा में मांग की कि पंजाब राज्य में एक शिक्षा नियामक प्राधिकरण की स्थापना की जाए, जो प्रदेश की निजी विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पर निगरानी रख सके।
उन्होंने यह बात उस समय सदन में साझा की, जब सदन में दो नई विश्वविद्यालयों – रायत और बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और सीजीसी यूनिवर्सिटी – की स्थापना के लिए प्रस्ताव रखा गया। इसके साथ ही पंजाब में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
उन्होंने कहा, “मैं नई विश्वविद्यालयों के आने का स्वागत करता हूँ। ये संस्थान पंजाब, अन्य राज्यों और विदेशों से आने वाले विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करेंगे।
उन्होंने चेताया कि निजी विश्वविद्यालय अपनी मनमर्जी से फीस तय करते हैं, अपना पाठ्यक्रम बनाते हैं, उपस्थिति, परीक्षा, प्रश्नपत्र और परीक्षकों की नियुक्ति भी अपने ही नियमों के अनुसार करते हैं।
राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं, पंजाब में एक मजबूत शिक्षा नियामक संस्था बननी चाहिए।
उन्होंने बताया कि 2002 से 2007 तक की कांग्रेस सरकार के दौरान ही निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी गई थी, और इसके बाद की सरकारों ने भी नई विश्वविद्यालयों की स्थापना की।
आज पंजाब में लगभग दो दर्जन से अधिक निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं।
कांग्रेसी विधायक के अनुसार, दलित और गरीब विद्यार्थी इन महंगी फीसों को नहीं भर सकते, इसीलिए और भी जरूरी हो जाता है कि एक ऐसी शिक्षा नियामक संस्था बनाई जाए जो इन मामलों की जांच और निगरानी कर सके।
उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं राज्य की कुल नामांकन दर (Gross Enrolment Ratio) को भी सुधारेंगी, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ये विश्वविद्यालय श्रेष्ठ ढंग से कार्य करें। इसके लिए नियामक संस्था को पूर्ण अधिकार दिए जाएं, ताकि नियमों के उल्लंघन की स्थिति में उचित कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने यह भी मांग की कि पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (PTU) का विस्तार किया जाए और PTU से जुड़े 48,000 विद्यार्थियों से होने वाली आय को यूनिवर्सिटी में ही पुनः निवेश किया जाए, ताकि यह राज्य की साझा विश्वविद्यालय भी समय के साथ प्रगतिशील रूप से विकसित हो सके।