चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच काफी लंबे समय से पानी को लेकर विवाद चल रहा हैं। कई बार नहरी पानी को लेकर यह विवाद उग्र भी हुआ। इस बारे में सरकारों के ब्यान भी मीडिया में आते रहे हैं। अभी हाल ही में सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण और उससे हरियाणा को अपने हिस्से का पानी दिए जाने के संबध में हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी तथा पंजाब के मुख्यमंत्री मान के बीच चर्चा शुरू हुई हैं।
नई दिल्ली में जल शक्ति भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि अब पानी के मसले का उचित हल निकालना चाहिए। पता चला हैं कि दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ अगले दौर की बैठक पांच अगस्त को होगी।
जल शक्ति भवन में चली बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि बैठक में पानी के मसले पर सार्थक चर्चा हुई है और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी यह कहा है कि यह मुद्दा ज्यादा लंबा समय से चल रहा हैं, अब इसे खत्म होना चाहिए। अगली बैठक में इस विषय पर सही परिणाम अवश्य निकलेंगे। पंजाब व हरियाणा दोनों भाई-भाई हैं और आज भी भाईचारे के साथ एक ही आंगन में रहते हैं।
गौरतलब हैं कि कई सालों से इस पानी के मसले को दोनों ही राज्य बातचीत से नहीं सुलझा सके। हरियाणा सर्कार ने अपने हिस्से की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि हरियाणा के हिस्से का पानी दिया जाए और नहर बनाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी पंजाब यह कहकर मना करता चला आ रहा है कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। कुछ माह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिए थे कि वह पंजाब और हरियाणा के मामले में हस्तक्षेप कर देखे और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलना सुनिश्चित कर रिपोर्ट दाखिल करे। इसी संबध में दोनों राज्यों का जल विवाद सुलझाने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बुधवार शाम को बैठक कर चर्चा हुई। इस
बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।