नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष स. हरमीत सिंह कालका ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स. सुखदेव सिंह ढींडसा के पिछले सप्ताह हुए निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और पंजाब के जिला संगरूर के उभवाल गांव में आयोजित उनके भोग और अंतिम अरदास समारोह में शामिल हुए।
स. कालका ने कहा कि स. ढींडसा लगभग दो दशकों तक शिरोमणि अकाली दल में महासचिव के रूप में दूसरे नंबर की अहम भूमिका निभाते रहे। वे सिखों और भारत तथा विदेशों में बसे पंजाबियों के बीच एक सम्मानित नेता थे।
स. कालका ने बताया, “वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने गांव के सरपंच के रूप में सेवा की, पंजाब के कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रहे, एक स्वतंत्र विधायक के रूप में चुने गए, फिर अकाली दल में शामिल हुए, मंत्री बने, राज्यसभा पहुंचे और अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्रीय कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री भी रहे। उन्होंने पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के साथ भी घनिष्ठ मित्रता निभाई।”

स. कालका ने कहा कि श्री ढींडसा ने भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी बहुत मधुर संबंध बनाए। “वे (ढींडसा) एक ऐसे दूरदर्शी राजनेता थे जिन्हें लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी के विकास के लिए काम किया और सहमति के सिद्धांत पर चलते रहे,” कालका ने कहा। उन्होंने बताया कि ढींडसा के समकालीन नेता उनके कार्यशैली से प्रेरणा लेते थे।
उन्होंने कहा कि स. ढींडसा हमेशा खुले दिल से मिलते थे और उनमें सोच और निर्णय के लिए स्पष्टता रहती थी। “जब भी हम उनसे मार्गदर्शन या सलाह लेने जाते, वे हमें सही दिशा दिखाते। वे अकाली और सिख मूल्यों के संरक्षक थे, जो सच्च को सच्च कहते थे और जब भी पार्टी की इज्ज़त और गौरव की बात आती थी तो कभी भी दबाव में नहीं आते थे,” कालका ने कहा।
स. कालका ने अंत में स. ढींडसा के पुत्र और पूर्व वित्त मंत्री स. परमिंदर सिंह ढींडसा तथा परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की।