चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने कैबिनेट की बैठक में एक मुख्य फैंसला लिया। इस फैंसले में अनुसूचित जाति वर्ग के 4727 लोगों का कर्ज माफ किया गया। जानकारी के अनुसार 31 जनवरी 2020 से पहले का कर्ज माफ होगा जो पूर्व सरकारों के समय अनुसूचित जाति वर्ग ने अनुसूचित जाति वित्तीय कार्पोरेशन से लिया हुआ था। इस फैंसले के बाद अनुसूचित जाति वर्ग पर 68 करोड़ रुपए का कर्ज था वह अब माफ हो गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान और वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि माफ किए गए कर्ज में तीस करोड़ रुपए की मूल राशि है जिस पर 22 करोड़ रुपए का ब्याज लगा हुआ था और 15 करोड़ रुपए चक्रवर्ती ब्याज लगा हुआ था। चीमा ने बताया कि बहुत से परिवारों में वे लोग मर चुके हैं जिन्होंने कर्ज लिया था। पूर्व सरकारें इस वर्ग को राहत देने की बात तो करती आई हैं लेकिन कभी दी नहीं गई। पंजाब सरकार की कैबिनेट के फैसले से इन सभी परिवारों को बड़ी राहत मिली है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि 1995 से पूर्व ये कर्ज दिए गए थे जिन्हें चुनाव के दौरान माफ करने की बात करके उनकी उम्मीदें जगा देते हैं लेकिन कभी माफ नहीं किए। लेकिन हम उन परविारों के साथ खड़े हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पड़ोसी राज्यों को दिए जाने वाली पानी को लेकर 1955, 1960 और 1982 आदि में जितने भी समझौते हुए उनका रिव्यू करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने पड़ोसी राज्यों को पानी देने के जो समझौते किए हैं उनमें से उनके हक के पानी को हम नहीं रोक रहे हैं । मैंने पहले ही कहा था कि 21 मई के बाद हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलेगा, आज उनके अधिकारी ही कह रहे हैं कि उन्हें पूरा पानी मिल रहा है।