पटियाला: शिक्षक बनने का उद्देश्य सिर्फ रोजगार प्राप्ति तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक मिशनरी भावना के साथ निभाई जाने वाली उत्कृष्ट सेवा है। अपने पेशे के प्रति समर्पित, मेहनती, ईमानदार और अथक, प्रेरणादायी दृढ़ इरादों वाले गुणों की धारक जैसी विरली ही शख्सियतें होती हैं। इन सभी गुणों की गुत्थी के धारक सरदार दर्शन सिंह हैं, जो 31 मई 2025 को शिक्षा विभाग, पंजाब की सेवा से सेवा-मुक्त हुए हैं। दर्शन सिंह ने लगभग 25 वर्ष निस्वार्थ, बेदाग शिक्षण सेवा से समाज को बहुत मूल्यवान योगदान दिया है!
सरदार दर्शन सिंह का जन्म पटियाला जिले के गांव धनेठा में 3 मई, 1967 को पिता स्वर्गीय सरदार स्वर्ण सिंह और माता श्रीमती स्वर्ण कौर जी के घर हुआ। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के हाई स्कूल धनेठा से पूरी करने के बाद ग्रेजुएशन पब्लिक कॉलेज समाना से और एम.ए. अर्थशास्त्र, बी.एड, एम.एड और एल.एल.बी. की डिग्री पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से प्राप्त की। इसके अलावा एम.ए. अंग्रेजी की डिग्री कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र से की। उनका विवाह 3 जनवरी, 1999 को श्रीमती रूपिंदर कौर के साथ हुआ। प्रभु ने उन्हें दो महकते फूलों की दात बख्शी है। उनकी पुत्री रमणीक कौर एम.बी.बी.एस. डॉक्टर हैं और पुत्र जोबनप्रीत सिंह ने बी.टेक सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री चितकारा यूनिवर्सिटी पटियाला से प्राप्त की है। आजकल उनकी पत्नी श्रीमती रूपिंदर कौर बतौर बी.डी.पी.ओ. माछीवाड़ा, जिला लुधियाना में सेवा निभा रही हैं।
उन्होंने अपनी सरकारी सेवा की यात्रा 8 सितंबर, 2000 को एस.एस. मास्टर, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल खनौरी कलां, जिला संगरूर से शुरू की। उन्होंने 2001 से 2007 तक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गाजीपुर में और 2007 से 2012 तक कानूनी सलाहकार, जिला गाइडेंस काउंसलर, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी (स) पटियाला में सेवा निभाई। उनके पदोन्नति के बाद 26 दिसंबर, 2012 को अंग्रेजी लेक्चरार के रूप में सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सिविल लाइन, पटियाला में ज्वाइन किया।
श्री दर्शन सिंह लगभग 25 वर्ष की सरकारी सेवा करने के बाद सेवा-मुक्त हुए हैं। इस अवसर पर उन्हें स्कूल शिक्षा विभाग, पंजाब द्वारा विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को बहुत निखारा। उनके अथक प्रयासों के कारण हमेशा बोर्ड के परिणाम शीर्ष पर रहे।
लेखक श्री दर्शन सिंह के साथ निजी स्तर पर सन् 2018 से संपर्क में है। लेखक ने श्री दर्शन सिंह के व्यक्तित्व को शब्दों की लड़ी में बयां करते हुए बताया है कि मानव समाज में कई ऐसी आकर्षक शख्सियतें होती हैं जिनकी तुलना इत्र के बड़े शोरूम से की जा सकती है, उनके व्यक्तित्व में ऐसे बहुपक्षीय गुण होते हैं, जिन्हें ग्रहण करना असंभव है, उनकी गिनती भी नहीं हो सकती। उदाहरण के तौर पर जब हम कभी इत्र के बड़े शोरूम में जाते हैं तो चाहे हम इत्र का कुछ खरीदें या नहीं, पर हमें इत्र के शोरूम से बाहर आने पर उसकी महक जरूर महसूस होती है।
उनकी सेवा-मुक्ति के अवसर पर सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल सिविल लाइन, पटियाला में एक प्रभावशाली समारोह में श्रीमती सीमा उप्पल, प्रिंसिपल, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल सिविल लाइन, पटियाला ने श्री दर्शन सिंह लेक्चरार अंग्रेजी को सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. सुरिंदर सिंह छाड़ा, चेयरमैन स्कॉलर फील्ड्स पब्लिक स्कूल पटियाला, सरदार स्वर्ण सिंह सोढी, डायरेक्टर स्कॉलर फील्ड्स पब्लिक स्कूल, चंदनदीप कौर, प्रिंसिपल, डॉ. रमणीक कौर, मनजीत सिंह चाहल, पूर्व सूचना एवं लोक संपर्क अधिकारी पावरकॉम, इंजी. जोबनप्रीत सिंह, रूपिंदर कौर बीडीपीओ माछीवाड़ा, गगनदीप कौर साइंस मिस्ट्रेस जिला साइंस कोऑर्डिनेटर, जसकरण सिंह, पुष्पिंदर कौर, राजिंदर सिंह लेक्चरार पंजाबी ने विशेष रूप से समारोह में शामिल होकर श्री दर्शन सिंह को सेवा-मुक्ति पर रंगदार गुलदस्ते और तोहफे के साथ सम्मानित किया और सेवा-मुक्ति पर शुभकामनाएं दीं तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मनमोहन सिंह
उप सचिव, लोक संपर्क सेवा-मुक्त,
पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड
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