चंडीगढ़: पंजाब में नशा तस्करों ने अपने नेटवर्क को बढ़ाने के लिये हर तरह के तरीकों का उपयोग करना शुरू कर दिया। जेल में बंद नशा तस्कर वहीं रहते हुए अपना नेटवर्क बढ़ा रहे है। ऐसी खबरें आये दिन समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलती रहती हैं। यह सब बहुत ही चिंताजनक है। इसके कारण पंजाब में चलाये जाने वाले नशा विरोधी अभियानों में रूकावट पैदा होती हैं। इस सबको रोकने के लिये नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने विशेष अभियान पर काम करना शुरू कर दिया हैं।
कुछ समय से प्रदेश की जेलों से नशा तस्करी का रैकेट चला रहे तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। इस के चलते पुलिस प्रसाशन ने शहरों और गाँवो में अलग अलग जगहों पर बड़े स्तर की छापेमारी भी की है जो वर्तमान में भी जारी हैं। जिस कारण पंजाब से तीन नशा तस्करों की हिरासत एक साल के लिए बढ़ाने में मदद मिली है। हल ही में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने प्रीवेंटिव डिटेंशन के प्रावधानों का उपयोग करके दो खतरनाक ड्रग तस्करों को पंजाब की बठिंडा जेल से असम की जेल में स्थानांतरित कर दिया है। इस के पीछे नशा तस्करों के बढ़ रहे नेटवर्क को तोड़ने का मुख्य कारण हैं। एनसीबी के अनुसार इन खतरनाक अपराधियों ने जेल के अंदर से भी अपना नेटवर्क चला रखा है, इस से उनके असम स्थानांतरण से पंजाब में उनके ड्रग तस्करी नेटवर्क को कमजोर होने की पूरी उम्मीद है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो राज्य पुलिस की मदद से जेलों में ऐसे ही अन्य ड्रग तस्करों का पता लगाया जा रहा है, जो जेल से ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं। ऐसे तस्करों की पहचान कर उन्हें भी प्रदेश से दूसरी अन्य जेलों में भेज दिया जाएगा, ताकि उनके जेल में तस्करी के रैकेट पर पूरी तरह से तोड़ा जा सके।