खन्ना (लुधियाना ), रोजी गिल: पंजाब में धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू होनी थी। लेकिन प्रदेश भर में आढ़तियों, शेलर मालिकों और मजदूरों की हड़ताल से मंडियों में खरीद शुरू नहीं हो सकी। एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना भी सूनी पड़ी है। यहां मजदूर यूनियन ने भी ऐलान कर दिया कि ट्रालियों से फसल नहीं उतारी जाएगी।
ढाई फीसदी आढ़त बढ़ाने की मांग
आढ़ती एसोसिएशन खन्ना के अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि ढाई फीसदी आढ़त बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल की गई है। एफसीआई की तरफ पेंडिंग करोड़ों रुपए के बकाए को जारी करने की भी मांग है। लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तो हड़ताल जारी रहेगी। रोशा ने बताया कि इस मसले पर बाद दोपहर चंडीगढ़ में एक अहम मीटिंग बुलाई गई है। जिसके बाद अगली रणनीति तय होगी।
स्पेस की कमी से शेलर मालिक परेशान
राइस मिलर्स एसोसिएशन खन्ना के अध्यक्ष गुरदयाल सिंह दयाली ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते उनका व्यापार बंद होने की कगार पर है। शेलरों में धान रखने की जगह नहीं है। सरकार पहले उनकी मांगों पर ध्यान दे और शेलरों में स्पेस बनाई जाए, इसके बाद वे हड़ताल खत्म करेंगे।
मजदूर नहीं उतारेंगे फसल, न होगी सफाई
अनाज मंडी लेबर यूनियन पंजाब के चेयरमैन दर्शन लाल ने कहा कि प्रदेश भर में हड़ताल की गई है। वर्ष 2011 के बाद उनकी लेबर में वृद्धि नहीं की गई। 13 सालों से संघर्ष किया जा रहा है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन्हें हरियाणा की तर्ज पर मजदूरी दी जाए। तीन दिनों में मांगें पूरी नहीं हुईं तो रोड और रेल जाम करेंगे।

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