श्रीनगर: विदेशों में जब किसी को जमानत पर छोड़ा जाता तो उस व्यक्ति की टांग पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस ट्रैकर फिट कर दिया जाता हैं। जिससे जमानत पर जेल से बाहर आये अपराधी की 24 घंटे हर गतिविधि की निगरानी की जाती हैं। जिस अपराधी को यह जीपीएस ट्रैकर लगाया जाता है, वह अपने शरीर से अलग नहीं कर पाता। अगर वह जबरदस्ती करता भी है तो इसका नोटिफिकेशन पुलिस तक पहुँच जाता हैं। उसका कंही भी छिपना या भाग पाना मुश्किल हो जाता हैं। अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी जमानत पर छूटने वाले आतंकवाद, अलगाववाद, नशा कारोबारियों-तस्करों, भू-माफिया और गुंडागर्दी से जुड़े सभी अपराधियों को जीपीएस ट्रैकर लगाना शुरू कर दिया हैं। मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अब तक लगभग एक दर्जन के करीब अपराधियों को जीपीएस ट्रैकर पहनाए गए हैं।
इस जीपीएस ट्रैकर की कीमत लगभग 50 हजार रुपये बताई जा रही है। इसी कारण जम्मू-कश्मीर पुलिस जीपीएस ट्रैकर की कीमत जमानत पर छूटने वाले लोगों से ही लेने की योजना पर विचार कर रही है। इसको सफल बनाने के लिए योजना को बिशेष तौर पर जमानत की शर्तों में शामिल किया जा सकता है। यह भी पता चला है कि जीपीएस ट्रैकर जमानत पर छूटने वाले आरोपित की टांग में पहनाया जाता है।अगर कोई आरोपित जबरन जीपीएस ट्रैकर को उतारता या छेड़खानी करता है तो उसकी जमानत रद हो सकती है।