जयपुर: राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण और किडनी प्रत्यारोपण के अवैध कारोबार में चल रही जांच के मामले में नए तथ्य सामने आ रहे है। हाल ही में फर्जी कागजातों के आधार पर अंग प्रत्यारोपण और किडनी प्रत्यारोपण दो चिकित्सकों डा. संदीप गुप्ता और डा. जितेंद्र गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार फर्जी एनओसी के मामले में सरकार ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्विघालय के कुलपति डा. सुधीर भंडारी का इस्तीफा लेने के साथ ही एसएमएस मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.राजीव बगरहट्टा एवं अधीक्षक डा. अचल शर्मा को बर्खास्त कर दिया है।
अंग प्रत्यारोपण और किडनी प्रत्यारोपण के अवैध कारोबार के मामले की जांच में यह भी सामने आया है कि निजी अस्पतालों के सक्रिय दलाल बांग्लादेश व नेपाल के गरीब लोगों से संपर्क करते थे, ऐसे लोगों को किडनी दान करने का लालच देते थे। इसके बदले गरीब लोगों को एक लाख रुपये दिए जाने का लालच भी दिया जाता था। जिन मरीजों को किडनी प्रत्यारोपित की जाती थी उनसे कई लाख रुपये वसूले जाते थे। इस अवैध कारोबार के चलते लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी।
एसीबी जांच टीम ने दोनों अस्पतालों के चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों से पूछताछ भी की। जब्त किए गए मोबाइल फोन और दस्तावेजों की जांच और पूछताछ में खुलासा हुआ है कि किडनी प्रत्यरोपण के बाद मरीजों को किराए के मकानों अथवा होटल में रखते थे। पता चला है कि किडनी प्रत्यारोपित किए गए मरीजों को अस्पताल में अधिक दिन नहीं रखते थे।