सूरत: गुजरात के सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज कर दिया गया था। नामांकन खारिज होने के बाद उम्मीदवार नीलेश कुंभानी को अयोग्य करार कर दिया गया। अब कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी ने शनिवार को मीडिया के सामने आ कर कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने 2017 में उन्हें सबसे पहले धोखा दिया था। कुंभानी ने मीडिया को यह भी बताया कि वह गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल और पार्टी के राजकोट लोकसभा उम्मीदवार परेश धनानी का सम्मान करते है, इसी कारण वह इतने दिनों तक चुप रहे। नीलेश कुंभानी ने मीडिया में कहा कि कांग्रेस नेता उन पर विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने ही मुझे सबसे पहले धोखा दिया था। कांग्रेस ने साल 2017 में सूरत की कामरेज विधानसभा सीट से मेरा टिकट आखिरी समय में रद्द कर दिया था। पहली गलती कांग्रेस ने की थी।
कुंभानी ने आरोप लगाया कि ‘वह ऐसा नहीं करना चाहता थे। लेकिन उनके समर्थक और कार्यकर्ता सभी परेशान चल रहे थे क्योंकि पार्टी सूरत में पांच स्वयंभू नेताओं द्वारा चलाई जा रही है। यह नेता ना तो काम करते हैं और ना ही किसी दूसरे व्यक्ति को काम करने देते हैं।