नई दिल्ली: बुधवार को हाई कोर्ट ने जेल में बंद राजनीतिक नेता और उम्मीदवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चुनाव प्रचार करने की मंजूरी प्रदान करने के लिए चुनाव आयोग को एक तंत्र विकसित करने का निर्देश देने की मांग संबंधी याचिका खारिज करते हुए सख्त टिप्पणियां की। याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा अगर ऐसा किया जाता है, तो सभी खूंखार अपराधी राजनीतिक दल बना लेंगे। दाऊद इब्राहिम चुनाव लड़ेगा और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रचार करेगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कानून के छात्र याचिकाकर्ता पर जुर्माना तो नहीं लगाया, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील को उसे शक्तियों के पृथक्करण के बारे में सिखाने के लिए कहा। एसीजे मनमोहन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आप चाहते हैं कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को वीसी के माध्यम से चुनाव प्रचार करने की अनुमति दी जाए।
पीठ ने कहा कि वह राजनीतिक दायरे में नहीं आना चाहती, लेकिन हर कोई चाहता है कि कोर्ट राजनीतिक दायरे में आए। एसीजे मनमोहन ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में कोर्ट ने कई याचिकाओं पर सुनवाई की है, जिसमें कहा गया है कि या तो किसी व्यक्ति को जेल में डाल दिया जाए या उसे रिहा कर दिया जाए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि याचिका में दुष्प्रचार शामिल है और कोर्ट को इसकी जानकारी है।
इस सब में अदालत को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। यह रणनीति का हिस्सा बनता जा रहा है और ऐसा मत सोचिए कि हम इस रणनीति को नहीं समझते। पीठ ने कहा कि याचिका कानून के मौलिक सिद्धांतों के विपरीत है।
याचिका कानून के मौलिक सिद्धांतों के विपरीत है- हाई कोर्ट

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