नई दिल्लीः आज भारत देश भर में ईद-उल-फितर मनाई जा रही है। ईद मुस्लिम समुदाय का प्रमुख पर्व है। ईद को भाईचारे का पर्व माना जाता है। ईद के पावन दिन मुस्लिम समाज के सभी लोग मस्जिद में सामूहिक रूप से नमाज अदा करने जाते हैं। नमाज पढ़कर अल्लाह से अमन-चैन की दुआ मांगते हैं। ईद के दिन अपने से छोटे लोगों को ईदी देने का भी रिवाज है। मुस्लिम समाज के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी मुस्लिम भाईचारे को मुबारकबाद देकर उनकी खुशी में शामिल होते है। ईद के दिन हर मुस्लिम परिवार के घर में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। पकवान में बिशेष तौर पर मीठी सेवई खासतौर से बनाई जाती है। वहीं ईद के दिन नए कपड़े पहनने की भी परंपरा है। ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में जुटते हैं और
देश के सभी राज्यों में समुदाय के लोग मस्जिद में नमाज के लिए जमा हुए हैं। नमाज के बाद सभी लोग एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। लोग एक-दूसरे को फोन, व्हाट्सएप, एसएमएस के जरिए बधाई देते हुए नजर आए। आज के पावन दिन चांद दिखने के बाद लोगों ने ईद की बची हुई तैयारियां शुरू कर दीं। लोग इत्र, टोपी, सेवइयां और दूसरे ड्राइफ्रूट खरीदते हुए नजर आए।
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, माह ए रमजान में रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं। अल्लाह जब खुश होते तो सभी लोगों की दुआएं कुबूल होती हैं। रोजे के दौरान पूरे दिन बिना अन्न और पानी के रहना पड़ता है। रोजा रखने वाले व्यक्ति को कई नियमों का पालन करना पड़ता है। रोजा सूरज ढलने के बाद शाम के वक्त ही इफ्तार के दौरान खोला जाता है और फिर सहरी खा कर रोजा रखा जाता है। सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहते हैं।