बारामती: महाराष्ट्र के यह लोकसभा चुनाव में सभी राजनितिक पार्टियों के लिए बहुत अहम है। साल 2019 में हुए चुनावों और इस बार 2024 के चुनावों में काफी अंतर दिखाई दे रहा है। इस बार के चुनावों का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, महाराष्ट्र की राजनीति में उथल पुथल हो रही है। पहले चुनावों भाजपा और शिव सेना ने मिल कर चुनाव के लिए उम्मीदवार उतारे थे। अब शिव सेना के दो दल बन गए है। एक शिव सेना एकनाथ शिंदे वाली है, जो भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सरकार चला रही है। एक शिव सेना उद्धव ठाकरे वाली है, जो महाविकास अघाड़ी गंठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। इसी शरद पावर और अजित पावर भी दो दलों में बदल गए है। हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया। बताया जा रहा है महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना चुनावों से बाहर रहते हुए एनडीए का सभी उम्मीदवारों को जीत दिलाने में पूरा सहयोग करेगी।
इस सब से जो स्थिति बन रही है, उससे यही लगता इस बार का लोकसभा चुनाव किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा। महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट पर ननद-भाभी की लड़ाई है। इस बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है। 9 अप्रैल को अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार के लिए अजीत पवार ने जनता के बीच जाकर प्रचार किया। बारामती में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में अजीत पवार ने कहा कि बारामती की जनता ने हमेशा से पवार परिवार को अपना प्यार दिया है। बारामती सीट से जनता ने शरद पवार की बेटी को तीन बार चुनाव जीताकर संसद भेजा। लेकिन अब बारामती की जनता को शरद पवार की बहू को जिताना चाहिए। अजीत पवार ने आगे कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में आपको कुछ सोचा होगा क्योंकि एक ही परिवार से दो उम्मीदवार हैं। आप सोच रहे होंगे कि किसका समर्थन करें, किसे वोट देना आसान है, क्योंकि आप इतने लंबे समय से पवार के साथ हैं, बस जाएं और सुनेत्रा पवार को वोट दें। डिप्टी सीएम ने बारामती की जनता से कहा, आप सुनेत्रा पवार को वोट देकर लोग परिवार का समर्थन करने की परंपरा को नहीं तोड़ेंगे। अजीत पवार ने यह भी कहा, “साल 1991 के लोकसभा चुनावों को याद करें जब आपने बेटे को चुना था, यानी मुझे चुना था। इसके बाद आपने पिता यानी पवार साहब को चुना। उसके बाद आपने लगातार तीन बार बेटी यानी सुप्रिया सुले को वोट दिया। अब आप जाएं और बहू (सुनेत्रा पवार) को वोट दें।