चंडीगढ़: देश में जब भी चुनाव आने वाले होते है नेताओं का पार्टियों में आना जाना शुरू हो जाता है। कुछ नेता नाराज होकर दूसरी पार्टी में चले जाते है, वही कुछ नेता चुनावी माहौल को देखते हुए पार्टी बदल लेते है। पार्टी छोड़ने के पीछे हर नेता का अपना अपना तर्क होता है। हाल ही में देश में लोकसभा चुनाव होने जा रहे है। भारत चुनाव आयोग की सभी राज्यों में लोकसभा चुनाव की तिथियों को लेकर घोषणा कर दी है।
14 मार्च को पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी व सांसद परनीत कौर के भाजपा में शामिल हो गई है। सांसद परनीत कौर को कांग्रेस पार्टी पहले ही निलंबित कर चुकी है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेस ने परनीत कौर को तीन फरवरी 2023 को निलंबित कर दिया था। हालांकि, लोकसभा की सदस्यता न जाए, इस वजह से परनीत कौर ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया था। उनके पति पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और बेटी जयइंद्र कौर पहले ही पार्टी का दामन थाम चुके हैं। पिछले कुछ समय से परनीत कौर भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल भी हो रही थीं तभी से उनके पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं थीं। अब जब सांसद परनीत कौर गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गईं, प्रबल संभावना है कि उन्हें भाजपा की तरफ से पटियाला से मैदान में उतारा जाएगा। अब कैप्टन की पत्नी व सांसद परनीत कौर के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस की चुनौती बढ़ गई है।
इस बार पटियाला सीट के चुनावी समीकरण बदलते दिख रहे हैं। इन बदलते समीकरण का चुनाव के नतीजों पर कितना असर पड़ेगा, यह तो समय आने पर ही पता चलेगा। राजनीति जानकारों का मानना है, इस बार कांग्रेस को पटियाला से अपना किला बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। पंजाब का पटियाला अब तक कांग्रेस का गढ़ रहा है। साल 1952 से पटियाला लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस पार्टी अपनी जीत का परचम 11 बार फहरा चुकी है। शाही परिवार से पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर इस सीट से चार बार सांसद रह चुकी हैं। सबसे पहले परनीत कौर साल 1999 में पटियाला से लोकसभा चुनाव जीती थीं और इसके बाद साल 2004, 2009 और फिर 2019 में फिर से चुनी गईं। पटियाला लोकसभा हलके में नौ विधानसभा क्षेत्र पड़ते हैं। कैप्टन का परिवार पटियाला सीट का प्रतिनिधितत्व साल 1998 से कर रहा है। ऐसे में शाही परिवार पटियाला के लोगों में खासा प्रभाव रखता है। इसी कारण कांग्रेस पार्टी पटियाला लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करती रही है। अब परनीत कौर भाजपा में शामिल हो चुकी है। यह माना जा रहा है, इस सब के चलते कांग्रेस के लिए जीत की राह भी पहले की तरह आसान नहीं रहने वाली है। फिर भी कांग्रेस भी अपने गढ़ को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाएगी। उधर, सत्ताधारी आप भी पटियाला में जीत का परचम फहराने की पूरी कोशिश में रहेगा।
कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि एक ऐसा मजबूत उम्मीदवार हो, जो परनीत को कड़ी टक्कर दे सके।