लुधियाना: देश में भारत चुनाव आयोग की सभी राज्यों में लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ पंजाब में भी आचार संहिता लागू हो गई है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के चलते ही पंजाब में विकास थम जाएगा। पंजाब में एक जून को मतदाता अपने वोट देने के अधिकार का प्रयोग करेंगे। अब चुनाव परिणाम आने तक केवल चुनावी शोर सुनाई देगा। भारत चुनाव आयोग ने चुनावों की तिथि की घोषणा के साथ उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और अधिकारियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
भारत चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश को सभी उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और अधिकारियों को हर हाल में मानना होगा। राज्य सरकार को भी ये निर्देश मानने हाेंगे। चुनाव आयोग ने उल्लंघन पर कार्रवाई का भी प्रावधान रखा गया है। ये निर्देश चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहेंगे। आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य की सैनी सरकार कोई नई घोषणा भी नहीं कर सकेगी।
पहले जानते है, राजतीतिक दल व उम्मीदवारों के लिए क्या दिशा-निर्देश है :-
1. अब पंजाब में सार्वजनिक या निजी स्थान पर सभा आयोजित करने, जुलूस निकालने और लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने से पहले स्थानीय पुलिस अधिकारियों से लिखित अनुमति लेना जरूरी है।
2. कोई भी राजनितिक पार्टी किसी के घर पर उसकी अनुमति के बिना पोस्टर, बैनर या झंडा नहीं लगा सकता।
3. कोई भी उम्मीदवार ऐसा बयान नहीं दे सकता जिससे किसी व्यक्ति की शालीनता और नैतिकता का हनन होता हो। कोई भी उम्मीदवार ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा कि जो आपसी घृणा पैदा करे और वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक आधार पर कोई अपील नहीं करेगा।
4. अब रात 10.00 बजे से प्रात: 6.00 बजे के बीच लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
5. कोई भी राजनीतिक दल मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए अपनी गाड़ी की सुविधा भी नहीं दे सकते।
6. राजनीतिक दल के नेता या उम्मीदवार किसी भी मतदाता को अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए डरा या धमका नहीं सकते हैं।
7. राजनीतिक दल धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते।
अब जानते है, सरकार के मंत्री-विधायक के लिए क्या दिशा-निर्देश है :-
1. अब पंजाब में लोकसभा चुनावों के नतीजों तक किसी परियोजनाओं या योजनाओं की आधारशिला नहीं रखेंगे।
2. अब राज्य के मुख्यमंत्री अपने जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग नहीं कर सकते।
3. राज्य का कोई भी मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते।
4. सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अतिथि गृहों में ठहरने की व्यवस्था नहीं होगी।
5. अभी राज्य में सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाने का वादा भी नहीं कर सकते।
6. चुनाव के इस दौर में किसी भी रूप में किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं करेंगे और न ही वादा करेंगे।
7. चुनाव के प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते।
8. सरकारी खर्च पर चुनावी रैली या चुनाव प्रचार नहीं कर सकते।
9. सरकारी खर्चे पर कोई पार्टी या इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं कर सकते।
10. इस सब के चलते अब सरकारी वाहनों का इस्तेमाल सिर्फ अपने निवास से लेकर दफ्तर तक कर सकते हैं।
11. राज्य के विधायक या मंत्री अपने विकास फंड से कोई नई राशि नहीं जारी कर सकते।
12. पंजाब की सत्ताधारी पार्टी सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकती।
अब जानते है, अधिकारियों के लिए क्या दिशा-निर्देश है :-
1. चुनाव कार्यों से जुड़े अधिकारी को किसी भी नेता या मंत्री से उसकी निजी यात्रा या आवास में मिलने की मनाही होगी।
2. यदि तबादला करना बेहद जरूरी है तो चुनाव आयोग से स्वीकृति लेनी होगी।
3. किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर या नियुक्ति नहीं होगी।
4. राज्य के हर शहर और गांव में सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स व बैनर को हटाना होगा।
5. राज्य सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे।
6. राज्य के सभी सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध होंगे।