दिल्ली: भारत देश में नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है। नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था।
देश में सीएए को लेकर नेता लोग कई तरह के ब्यान दे रहे है। यहां कई नेता इसे मुस्लमान विरोधी बता रहे है, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने सीएए को देश के लिए खतरनाक कहा। केजरीवाल ने शरणार्थियों से सुरक्षा संबधित खतरे पैदा होने की बात कही। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान पर सियासत गरमाई हुई है। भाजपा जमकर केजरीवाल पर हमला बोल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केजरीवाल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वहीं, नाराज हिंदू शरणार्थियों ने भी केजरीवाल के आवास के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सीएए को लेकर मचे घमासान के बीच केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इससे भारी संख्या में पड़ोसी देशों से घुसपैठिए भारत आएंगे। बाहर से लोगों को राशन कार्ड दिया जाएगा। हमारे लोगों को तो नौकरी मिल नहीं रही है, बाहर से आने वालों को कहां से नौकरी देंगे। यह देश के लिए खतरनाक है। केजरीवाल ने कहा कि करोड़ों लोग अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आ जायेंगे, जिससे सुरक्षा में खतरा होगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘गृह मंत्री ने अपने बयान में मेरे द्वारा उठाए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि केजरीवाल भ्रष्ट हैं। मैं महत्वपूर्ण नहीं हूं। उनसे पूछिए- जब हम अपने ही लोगों को रोजगार देने में सक्षम नहीं हैं, तो पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को रोजगार और आवास कैसे देंगे? सीएए के कारण जो पलायन होगा, वह विभाजन के दौरान हुए पलायन से भी बड़ा होगा।’
वहीं एक इंटरव्यू के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अपना धैर्य खो बैठे हैं। उन्हें नहीं पता कि ये सभी लोग पहले से ही भारत में रह रहे हैं। अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे क्यों बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते, रोहिंग्याओं का विरोध क्यों नहीं करते? वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के बारे में तो ये नहीं बोलते। केजरीवाल को एक बार शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।