नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आज गुरुद्वारा बाला साहिब में ‘अरदास’ के साथ गुरु हरकृष्ण इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च को जनता को समर्पित किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका ने कहा कि यह अस्पताल विश्वस्तरीय आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, लेकिन इलाज का खर्च सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के बराबर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ओपीडी की सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाएंगी।
स. कालका ने बताया कि 2019 में जब स. मनजिंदर सिंह सिरसा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बने और वे स्वयं जनरल सेक्रेटरी बने, तब इस अस्पताल की शुरुआत के प्रयास किए गए। उन्होंने कहा, “हमने एक मुफ्त डायलिसिस सेंटर शुरू किया था,” और अब तक 90,000 डायलिसिस हो चुके हैं और एक भी पैसा नहीं लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि “हमारे अस्पताल में कोई बिलिंग काउंटर ही नहीं है।”

कालका ने यह भी बताया कि स. सिरसा और उनके पदभार संभालने से पहले की कमेटी इस अस्पताल की शुरुआत में अड़चनें पैदा कर रही थी। उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान एक पैंडेमिक विंग बनाया गया! उन्होंने बताया, “हमारे पास नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, गायनकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स जैसे विभाग हैं। दो आईसीयू, एक पीडियाट्रिक आईसीयू, नवीनतम सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड सुविधाएं और अलग-अलग विभागों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कर सेवा वाले बाबा जी – बाबा बचन सिंह जी, बाबा सतनाम सिंह जी और बाबा सुरिंदर सिंह जी के प्रति आभार व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि अस्पताल की सेवा विश्वस्तरीय होगी लेकिन शुल्क सरकारी अस्पतालों के बराबर ही होंगे। उन्होंने कहा, “हमारे पास सरकार में अपना प्रतिनिधि (स. सिरसा) है, इसलिए हमारी वास्तविक मांगों को पूरा करवाने में कोई परेशानी नहीं आती।” उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अस्पताल के लिए आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इलाज ले सकें। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जनरल सेक्रेटरी स. जगदीप सिंह कहलों और अन्य सदस्य व पदाधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस अवसर पर दिल्ली सरकार के खाद्य व आपूर्ति, उद्योग, वन एवं पर्यावरण मंत्री स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस अस्पताल से उनकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं क्योंकि यह मानवता की सेवा है। उन्होंने कहा, “जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी जिसमें मैं भी शामिल हूं, तब सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हुईं और अस्पताल की शुरुआत संभव हो पाई।” उन्होंने सिखों को सुझाव दिया कि सरकार से लाभ लेना चाहिए, सिर्फ विरोध करना कोई समाधान नहीं है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को ₹100 करोड़ रुपये स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों के लिए मिले हैं, और और भी अधिक मिल सकते हैं।उन्होंने पूर्व अध्यक्ष स. अवतार सिंह हिट की भी सराहना की जिन्होंने अस्पताल के लिए ज़मीन अलॉट करवाई थी।
स. सिरसा ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, जिन्होंने इस अस्पताल को खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, के सहयोग से यह परियोजना पूरी हुई। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल 2006 से बंद था और 19 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद सरकार के सहयोग से खोला गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को समर्पण समारोह में शामिल होना था लेकिन कल अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्य स्तर के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। स. सिरसा ने दिल्ली में एक लॉ कॉलेज खोलने की सिफारिश की क्योंकि उनके अनुसार सिख युवाओं को कानून की पढ़ाई करनी चाहिए। उन्होंने श्रीमती रंजीत कौर के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने रामगढ़िया बैंक खोलने की पहल की, और कहा कि जब यह बैंक खुलेगा तो लोग उनके प्रयासों की प्रशंसा करेंगे।