चंडीगढ़, (मनमोहन सिंह): सुल्तानपुर लोधी से निर्दलीय विधायक राणा इंद्र प्रताप सिंह ने आज विधानसभा में व्यास नदी में आई बाढ़ और तटबंधों के मज़बूतीकरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अध्यक्ष के माध्यम से सदन को बताया कि पिछले 6 महीनों के दौरान, उन्हें हरिके से ढिलवां तक नदी तट पर 12 से 15 ऐसे स्थान मिले हैं जहाँ तटबंध बेहद कमज़ोर साबित हो रहे हैं और ज़्यादा पानी आने पर बाढ़ का ख़तरा हमेशा बना रहता है। विधायक ने ये विचार आज विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान व्यक्त किए।
राणा इंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह सारी जानकारी ज़िले के उपायुक्त और मंत्री स्तर पर साझा की गई थी। संबंधित विभाग को पत्र भी भेजे गए, लेकिन जहाँ और मज़बूतीकरण की ज़रूरत थी, वहाँ भी कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यह सारा खर्च नरेगा योजना के तहत किया जा सकता था, लेकिन इसके बावजूद काम नहीं हुआ। इस मुद्दे पर विधायक ने 3 पूरक प्रश्न भी पूछे, जिसमें उन्होंने पंजाब सरकार से बाढ़ के मुद्दे पर गंभीरता दिखाने का आग्रह किया।
उन्होंने सदन को याद दिलाया कि पिछली बाढ़ के दौरान गोइंदवाल पुल के पास लगभग 125 एकड़ में एक अलग तरह का तटबंध बनाया गया था, जिससे पानी नहीं बहता। उन्होंने कहा कि अगर इस जगह पर विलवणीकरण किया जाए, तो तटबंध के टूटने का खतरा कम हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी तटबंधों में अवैध खनन चल रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ रहा है।
उन्होंने पूछा कि क्या पंजाब सरकार ने पिछले 6 महीनों में इस मुद्दे पर कोई गंभीर चर्चा की है? अंत में, राणा इंद्र प्रताप सिंह ने पंजाब सरकार से अपील की कि पुराने तटबंधों का गहन निरीक्षण करवाया जाए और नदियों की वहन क्षमता को ध्यान में रखते हुए नए और उन्नत तटबंधों की योजना तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उनके क्षेत्र के लोग बांध बनाने के लिए अपनी ज़मीन देने को तैयार हैं।