पटियाला: आज के आधुनिक युग में हर काम ऑनलाइन हो रहे हैं। जबसे मोबाइल नंबर आधार कार्ड और बैंक से जुड़ा हैं तभी से ठगबाज भी इसी सिस्टम में पूरी तरह सक्रिय हो गए है। रोजाना ठगबाज लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रूपए ठगी कर रहे हैं। हलांकि केंद्र सरकार लोगों जागरूक करने के लिए हर फोन कॉल से पहले वकायदा एक संदेश सुना रही हैं। जिस में अनजान फोन ना उठाने को कहा जाता हैं। डिजिटल अरेस्ट से बचने के सुझाव दिया जाता हैं। इस सब के वाबजूद लोग ठगबाजों के जाल में फंस कर ठगी का शिकार हो रहे हैं। अभी हाल ही में पंजाब के राजपुरा की रहने वाली रिटायर्ड शिक्षिका को ठगबाजों ने डिजिटल अरेस्ट कर 74 लाख रुपये ठग लिए।
मिली जानकारी के मुताबिक राजपुरा की 65 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षिका गुरशरण कौर को ठगबाजों ने एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर 74 लाख रुपये ठग लिए गए। ठगबाजों ने शिक्षिका को उसके बैंक खाते को मनी लांड्रिंग के मामलों में शामिल होने की बात कही। मनी लांड्रिंग पर शिक्षिका को लगातार डराया-धमकाया गया और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर विभिन्न खातों में रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
रिटायर्ड शिक्षिका गुरशरण कौर के अनुसार उनके पति गुरदीप सिंह अनाज मंडी में आढ़ती का काम करते हैं। उन्हें फोन कॉल करने वालों ने खुद को सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) का अधिकारी बताया।
उन्होंने कई फर्जी दस्तावेज भी भेजे, जिन पर एजेंसियों की मुहर और लेटरहेड लगे थे। उन्हें 24 अप्रैल से 26 मई तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। इस दौरान ठगों ने उससे कुल 74,60,188 रुपये कई बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए। फोन कॉल करने वालों ने उनसे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 42.5 लाख, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 29.8 लाख रुपये और एक अन्य बैंक से 2.3 लाख रुपये ट्रांसफर किए। जब रिटायर्ड शिक्षिका गुरशरण कौर को सच्चाई का पता चला तो उन्होंने 31 मई को साइबर क्राइम थाना पटियाला में शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद थाना साइबर क्राइम की पुलिस ने 11 जुलाई को विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस इस मामले में ठगी करने वालों की तलाश में जुट गई हैं।