जम्मू: अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था जम्मू से बुधवार को रवाना हो गया। इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को पहलगाम और बालटाल में जुड़वां आधार शिविरों की ओर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद पहलगाम और बालटाल दोनों अक्षों से यात्रा मार्ग को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की लगभग 600 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। सरकार ने जम्मू से बालटाल और पहलगाम में आधार शिविरों तक यात्रियों के लिए मुफ्त बस सेवा और अन्य व्यवस्थाएं की हैं।
अमरनाथ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और बिजली जैसे प्रमुख विभागों के सैकड़ों जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारी यात्रा व्यवस्थाओं में शामिल हैं, ताकि तीर्थयात्रा को सुचारू रूप से चलाया जा सके। बालटाल से अमरनाथ गुफा मंदिर तक का रास्ता सबसे छोटा रास्ता है जो 14 किमी. का है, जबकि पारंपरिक अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम मार्ग 48 किमी. लंबा पड़ता है।
श्री अमरनाथ यात्रियों को बेहतर साफ-सफाई देने के लिए जम्मू नगर निगम के सैकड़ों सफाई साथियों की टीम भी यात्रा शुरू होने के साथ ही काम में जुट गई हैं। भगवती नगर यात्री निवास समेत यात्रियों के ठहरने के अन्य स्थलों पर सफाई साथियों की टीम सुबह से शाम तक तैनात हैं। सफाई कर्मियों के अलावा सेनिटरी स्टाफ की तैनाती भी रहेगी और इन स्थानों पर तीन शिफ्टों में नगर निगम कर्मी काम करते नजर आएंगे।
ज्वाइंट कमिश्नर हेल्थ एंड सेनिटेशन अब्दुल स्तार ने मीडिया को बताया कि श्री अमरनाथ यात्रा को सरल और स्वच्छ बनाने के लिए निगम के करीब 300 सफाई कर्मचारी जम्मू के प्रवेश द्वार कुंजवानी से लेकर पूरे शहर में यात्रियों के ठहरने, आने जाने के स्थलों पर जुटे हुए हैं। इतना ही नहीं नगर निगम के कचरा उठाने वाले आटो, जेसीबी मशीनों को भी तैनात किया गया है जो रोजाना सुबह, दोपहर और शाम को कचरा उठाने के लिए सक्रिय रह रहे हैं। यात्रियों के लिए लगाए गए अस्थायी शौचालयों की सफाई को भी रूटीन में सुनिश्चित करवाया जा रहा है।