दिल्लीः भारत के पहलगाम में 22 अप्रैल को आंतकियों ने आम नागरिकों को मार डाला था। इस दर्दनाक घटना के बाद भारत और पकिस्तान में तनाव बना हुआ हैं। 6 मई की रात पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। भारत की तरफ से आधी रात को किए गए इस हमले को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है। भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया है। भारत की सेना ने बहावलपुर में मसूद अजहर के ठिकाने सहित नौ आतंकी ठिकानों पर बमबारी की। जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा जैसे भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों के सभी अड्डे इस मिसाइल अटैक में तबाह कर दिए गए। भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थीं। इस दौरान बताया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रात एक बजकर पांच मिनट और एक बजकर 30 मिनट के बीच चलाया गया। इस दौरान आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। सेना ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर मिसाइल हमले किए और नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। भारत की स्ट्राइक की जद में पीओके में पांच और पाकिस्तान में चार आतंकी ठिकाने आए।
इस अवसर पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसके बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी जानकारी देश के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के शिकार नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए किया गया। उन्होंने बताया कि आतंकियों के नौ ठिकानों की पहचान कर उन्हें बर्बाद किया गया। ये आतंकियों के लॉन्च पैड थे। इन ठिकानों में आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था। ऑपरेशन सिंदूर के लिए इन लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर हुआ। इसमें यह ध्यान रखा गया कि रिहाइशी इलाकों और आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रिपोर्ट में इस संगठन के बारे में इनपुट दिए थे। उन्होंने आगे कहा, ‘पहलगाम हमला भारत में सीमा पार आतंकवाद को अंजाम देने के पाकिस्तान के लंबे ट्रैक रिकॉर्ड से जुड़ा है। पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकियों की शरणस्थली के रूप में पहचान बना चुका है। वहां आतंकी सजा पाने से बचे रहते रहे हैं। भारत के विरूद्ध आगे भी हमले होने का खतरा है, इसलिए इससे निपटना आवश्यक समझा गया।