कपूरथला: कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने आज भारत सरकार और पंजाब सरकार से पंजाब में कपास किसानों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की जोरदार अपील की ताकि धान कपास का स्थायी विकल्प न बन जाए।
उन्होंने पंजाब और केंद्र सरकार से अपील की कि वे किसानों को बोलगार्ड-3 किस्म के बीज तुरंत उपलब्ध करवाएं ताकि कपास की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले गुलाबी सुंडी पर नियंत्रण किया जा सके। विधायक ने कहा कि वह कपास के बीजों की खरीद पर 33% प्रतिशत सब्सिडी देने के पंजाब सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि कपास की फसल को बचाने के लिए और अधिक सार्थक उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि कपास की फसल में इसे ‘सफेद सोना’ कहा जाता है, जिससे विशेष रूप से मालवा क्षेत्र के किसानों के लिए समृद्धि आई है।
उन्होंने कहा कि यह सब्सिडी बीटी हाइब्रिड बीजों पर लागू की जा रही है, लेकिन यह किस्म अब गुलाबी इल्ली के खिलाफ प्रभावी नहीं है। विधायक ने कहा कि पिछले वर्ष कपास का रकबा घटकर केवल 98,000 हेक्टेयर रह गया है, जबकि कभी 8 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई होती थी, जो कुल बुआई रकबे का 25 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि हमें इस मामले पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है तथा बोलगार्ड-3 के बीजों को जल्द ही मंजूरी देनी चाहिए ताकि न केवल कपास की फसल को बचाया जा सके बल्कि पंजाब की खुशहाली में भी योगदान दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि इन बीजों की खेती के लिए केंद्रीय बीज समिति से मंजूरी मिलनी बाकी है तथा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा इसका परीक्षण दूसरे वर्ष में है।
विधायक ने कहा कि आस्ट्रेलिया और ब्राजील में बोलगार्ड-3 बीज का उत्पादन हो रहा है और वहां के किसानों को इससे अच्छा लाभ मिल रहा है। “भारतीय किसानों को इन बीजों के लिए इतना लंबा इंतजार क्यों करना पड़ता है?” उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान मेहनती हैं और दक्षिण-पश्चिम पंजाब के किसान कपास की खेती में कुशल हो गए हैं। “आइये उन्हें हमेशा के लिए धान की खेती पर स्विच करने के लिए मजबूर न करें।” यह क्षेत्र गंभीर जल संकट से ग्रस्त है, कपास यहां की मिट्टी और जलवायु के लिए सबसे उपयुक्त फसल है।” राणा गुरजीत सिंह ने जोर देकर कहा, ‘‘यदि हर साल नुकसान होता रहा तो इससे पर्यावरण और पंजाब की अर्थव्यवस्था को अपूरणीय क्षति होगी।’’