अहमदाबाद: गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में 10 जुलाई को चार बच्चों की मौत ने चिंताये बढ़ा दी है। बच्चों की मृत्यु के चलते कई तरह की शंकाओं ने भी जन्म लिया है। इस सबंध में सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने शंका जाहिर की है कि इन बच्चों की मौत का कारण चांदीपुरा वायरस का संक्रमण हो सकता है। अस्पताल में भर्ती दो अन्य बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। हालांकि अभी तक वायरस की पुष्टि नहीं की गई, लेकिन शंका जरूर जाहिर की जा रही है। साल 1966 में महाराष्ट्र के नागपुर के चांदीपुर गांव में इसी तरह के लक्षणों के चलते 15 साल तक के बच्चों की मौत होने लगी थी। इसी बीच यह पता चला कि मौतें वायरस से हुईं। वही से इस तरह के संक्रमण को चांदीपुरा वायरस का नाम दिया गया। जानकारी के मुताबिक चांदीपुरा वायरस के संक्रमण में मरीज को बुखार आता है, जिसके लक्षण करीब करीब फ्लू जैसे ही देखे गए। इस सब के चलते मरीज के मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। यह वायरस का संक्रमण मच्छरों, मक्खियों, कीट-पतंगों के जरिये इंसान में फैलता है। अभी भी हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इन बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण देखे गये हैं। डाक्टरों के मुताबिक यह बच्चे भी इसी वायरस से संक्रमित लग रहे हैं। पता चला है कि सभी छह बच्चों के रक्त के नमूने को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) भेजे गए हैं। नमूनों के नतीजे आने के बाद ही मौजूदा स्थिति का पता लग पायेगा, फिलहाल इंतजार किया जा रहा है। मीडिया में छपी जानकारी के अनुसार अब तक हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में जिन चार बच्चों की मौत हुई है, उनमें से एक बच्चा राजस्थान, एक बच्चा साबरकांठा जिले और दो बच्चे अरावली जिले के थे। अस्पताल में भर्ती अन्य दो बच्चे भी राजस्थान के ही बताये जा रहे हैं।