मोगा: पंजाब के युवाओं में बढ़ रही नशे की आदत के कारण नशा बेचने वालों की संख्या में भी दिन प्रति दिन इजाफा हो रहा है। दूसरी तरफ नशा छुड़वाने के नाम पर कई लोग फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र खोलकर ठगी का कारोबार चला रहे है। कई बार ऐसे फर्जी नशा छुड़ाओ केन्द्रों से युवाओं को रिहा करवाया जाता रहा है। मीडिया में ऐसे समाचार प्रकाशित भी होते रहते है। ऐसे फर्जी नशा छुड़ाओ केन्द्रों में नशे के आदी युवाओं के परिवार से मोटी रकम वसूल की जाती है। वहां युवाओं से मारपीट के साथ साथ कई तरह के अत्याचार किये जाने की खबरें भी पढ़ने को मिल जाती है। केंद्र में प्रवेश करने के बाद पीड़ित युवा बंदी जैसा बन जाता है। इलाज के नाम पर कई कई महीने परिवार को मिलने नहीं दिया जाता।
पंजाब के मोगा में इसी तरह के फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र का पंजाब के मोगा के गांव बुट्टर में पर्दाफाश हुआ। गुरुवार को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव बुट्टर में चल रहे फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र पर छापामारी की। कई घंटों तक चली कार्रवाई दौरान करीब 60 युवकों को फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र से छुड़वाया गया। पता चला है कि बिना लाइसेंस चल रहे इस केंद्र का संचालक चकमा देकर पिछले गेट से फरार हो गया। इस छापेमारी में करीब छह घंटे की कार्रवाई के बाद केंद्र को सील कर दिया गया है। इस फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र से छुड़वाये गए युवाओं ने कई तरह की बातों को उजागर किया। युवकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि नशा छुड़ाने के नाम पर उन पर केंद्र में हद से ज्यादा अत्याचार किया जाता था। हर मामूली बात पर उन्हें लाठी-डंडों से पीटा जाता था। उन्होंने यह भी बताया कि विरोध करने वाले युवकों के प्राइवेट पार्ट के साथ ईंट बांधकर उन्हें पैदल चलाया जाता था। कई-कई सप्ताह तक परिवारों से भी नहीं मिलवाया जाता था। इन युवाओं ने गंभीर आरोप लगाते यह भी बताया कि यहां पर मारपीट से चार युवकों की मौत भी हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र से छुड़ाए गए 60 युवकों इलाज करवा उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। इससे पहले भी मोगा जिले के बाघा पुराना उपमंडल के राजवाना गांव में चलाए जा रहे एक अनाधिकृत नशा मुक्ति केंद्र से कम से कम 30 लोगों को बचाया गया था।