नई दिल्लीः आज के आधुनिक युग में टेक्नॉलजी हर क्षेत्र में अहम रोल अदा कर रही है। दुनिया में टेक्नॉलजी के साथ नये नये प्रयोग किये जा रहे है। हाल ही में रूस और यूक्रेन के चल रहे युद्ध में बड़ी संख्या में ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। कई बार इन ड्रोन अटैक से युद्ध को नया मोड़ लेते पुरी दुनिया ने देखा है। हथियार और टेक्नॉलजी के मिलेजुले स्वरूप से होने वाले जबरदस्त हमले की कामयाबी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आज कुछ देश सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए टेक्नॉलजी का प्रयोग कर रहे है। दुनिया के कुछेक चंद बड़े देश रोबोट पर बड़ी तेजी से काम कर रहे है। रोबोट को लेकर नये नये प्रयोग किये जा रहे है। चीन ने हाल ही में कंबोडिया के साथ हुई मिलिट्री एक्सरसाइज में मशीन-गन के साथ ‘रोबो डॉग’ का प्रदर्शन किया था।
दुनिया के ताकतवर देश समय समय पर अपनी सेना को मजबूत और अत्याधुनिक हथियारों के लिए बड़े लेवल पर काम कर रहे है। दुनिया में बदल रही परस्थितियों को भारत भी गंभीरता से ले रहा है। भारत सरकार ने भी साल 2014 से लेकर अब तक सेना को मजबूत करने के लिए काफी काम किया है। भारतीय सेना को नई पीढ़ी के अत्याधुनिक हथियार मुहैया करवाये गये हैं। इस सबके चलते भारत सरकार ने देश के सैनिकों की सुरक्षा को गंभीरता से लिया है। इसको लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव भी किये गए। चीन टेक्नॉलजी में हर समय सबसे आगे ही रहना चाहता है और कई मामलों में वह बाकि बड़े देशों से आगे भी है। आजकल चीन रोबोट पर युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। हथियारों से लैस रोबोट बना रहा है। हलांकि इस सबको लेकर अमेरिकी कांग्रेस चिंता जाहिर कर चुकी है। क्योंकि चीन का ऐसा इतिहास रहा है, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
मौजूदा स्थिति को देखते हुये भारतीय सेना लंबे समय से टेक्नोलॉजी की नई तकनीकों पर कार्य कर रही है। सेना में टेक्नोलॉजी के बेहतरीन तरीकों पर विचार किया जाता रहा है। संभावना जताई जा रही है कि भारतीय सेना भी जल्द ही रोबोटिक डॉग को आर्मी का हिस्सा बना सकती है। इन रोबोटिक डॉग म्यूल को फिलहाल निगरानी और हल्के वजन को ढोने के लिए तैनात किया जाएगा। इसके आलावा इन्हें चीनी सीमा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी तैनात किया जा सकता है। पिछले साल जम्मू में हुए नॉर्थ टेक सिंपोसियम 2023 में भारतीय सेना के लिए खासतौर पर बनाए गए रोबोटिक डॉग को देखा गया। रोबोटिक डॉग की खूबियों के चलते यह काफी आकर्षित रहा। इसको खासतौर पर युद्ध और निगरानी के लिए डिजाइन किया गया था। यह रोबोटिक डॉग बर्फ और पहाड़ों में आसानी से चल सकता है। इसके अलावा इसे ऐसे डिजाइन किया गया, जिससे वह अंधेरी और ऊबड़-खाबड़ जमीन में भी जा सकता है। इसको कैमरों और सेंसर से लैस किया गया है। इसी साल 12 मार्च को भारतीय सेना ने पोकरण में हुए भारत शक्ति सैन्य युद्धाभ्यास में ऐसे ही एक रोबोटिक म्यूल की झलक दिखाई थी। वहीं, मई में आगरा स्थित शत्रुजीत ब्रिगेड ने ऐसे ही एक रोबोटिक डॉग म्यूल की खूबियां साझा की थीं।