राजकोट: राजकोट के गेमिंग जोन में 25 मई को भीषण आग लगने की घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना में 27 के करीब शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि 33 से ज्यादा लोग लापता बताये जा रहे है। परिजन अपना दर्द और रोते हुए आक्रोश व्यक्त कर रहे है। गेमिंग जोन की घटना के बाद से लापता लोगों के परिजनों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा। वह बार बार एक ही सवाल करते हुए कह रहे हैं कि ‘हमें बताओ कि हमारे रिश्तेदार जीवित हैं या नहीं? इस सबके चलते गुजरात सरकार ने सोमवार को लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिस निरीक्षकों और नगर निकाय कर्मचारियों सहित सात अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इस दौरान मीडिया को बताया गया कि अधिकारियों को ‘‘आवश्यक अनुमति के बिना इस ‘गेम जोन’ को संचालित करने की अनुमति देखकर घोर लापरवाही बरतने का’’ जिम्मेदार ठहराया गया है। यह भी पता चला हैं कि ‘गेम जोन’ को आग सुरक्षा संबंधी प्रमाण पत्र के बिना संचालित किया जा रहा था। इस मामले में कारवाई करते हुए पुलिस ने इसके छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने भी ‘गेम जोन’ में आग लगने की दर्दनाक घटना का स्वत: संज्ञान लिया हैं। न्यायालय ने इसे ‘‘मानव निर्मित आपदा’’ बताते कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था।