नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को दिल्ली शराब घोटाला केस में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को असाधारण जमानत देने की मांग वाली याचिका पर सभी तथ्य सुनने के बाद खारिज कर दिया। इसी के साथ याचिकाकर्ता को 75 हजार का जुर्माना भी लगाया।
मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, आपको वीटो पावर कैसे मिलती है? क्या आप संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं? कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कोर्ट के आदेश के आधार पर न्यायिक हिरासत में हैं। इस दौरान याचिकाकर्ता वकील ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से पूरी सरकार रुक गई है, मुख्यमंत्री ही सरकार के मुखिया हैं। वह अरविंद केजरीवाल के लिए नहीं आये बल्कि सिर्फ दिल्ली के करोड़ों लोगों के लिए हूं। मैं यहां केवल नागरिकों के कल्याण के लिए हूं।
याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि मेरी एकमात्र चिंता यह है कि दिल्ली के 3 करोड़ लोग, जिनमें 1.59 करोड़ लोग पंजीकृत मतदाता हैं। दिल्ली में रहने वाले लोगों के बच्चों, उनकी शिक्षा और चिकित्सा का क्या होगा। याचिकाकर्ता वकील ने हाईकोर्ट में यह भी कहा कि मेरी याचिका मुख्यमंत्री को राहत देने के लिए नहीं है। दिल्ली के सीएम दवाएं उपलब्ध कराने के लिए हस्ताक्षर करने के लिए भी उपलब्ध नहीं हैं। मेरी चिंता सिर्फ दिल्ली के लोगों को लेकर है। याचिकाकर्ता ने कहा कि केजरीवाल पर बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। मुख्यमंत्री कारावास में है। अब मौजूदा समय में मुख्य समस्या यह है कि सीएम उपलब्ध नहीं हैं। दिल्ली के नागरिकों को कारावास के कारण कष्ट क्यों उठाना चाहिए? याचिकाकर्ता ने कहा अभी तक किसी ने भी यह तय नहीं किया है कि वह दोषी हैं या नहीं।
याचिकाकर्ता वकील की सभी दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन होना चाहिए, लेकिन यह केजरीवाल की निजी कॉल है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा इसमें आप कौन हैं ? क्या आप उसके लिए जमानत बांड भरेंगे ? क्या आप यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई गवाह प्रभावित न हो ? इस सबके चलते हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर 75 हजार का जुर्माना भी लगाया।