जयपुर: देश में हर चुनावों के दिनों में राजनितिक नेताओं का एक पार्टी को छोड़ कर दूसरी पार्टी में आना जाना शुरू हो जाता हैं। पार्टी छोड़ने के पीछे हर नेता का अपना अपना तर्क होता है। हर नेता मीडिया के सामने आकर पार्टी छोड़ने के अपने फैसले को सही बताकर पार्टी की कमियों को उजागर करता है। राजनितिक पार्टिया भी अन्य पार्टी से आये नेता का खुलकर स्वागत करती है। नेताओं के इसी दल बदलने के बढ़ते चलन से खफा चल रही बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को राजस्थान के अलवर में जनसभा रैली में चिंता जाहिर की। बसपा सुप्रीमो मायावती ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हर बार हमारी पार्टी के विधायकों को तोड़ लिया जाता है। तोड़-फोड़ की राजनीति से देश का लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। यदि केंद्र में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो दल बदलने वाले कानून को बदला जाएगा, उसे सख्त बनाया जाएगा। हमारी पार्टी के विधायकों को तोड़ने वालों को सबक सिखाया जाएगा।
मायावती ने रैली में यह भी कहा कि दलित और मुस्लिम वर्ग का कांग्रेस और भाजपा ने उत्थान नहीं किया। दलित वर्ग के हित में सोचने वाली एकमात्र पार्टी बसपा ही है। बसपा ने हमेशा दलितों के भले के लिए सोचा है। भाजपा पूंजिपतियों के लिए काम कर रही है। वहीं कांग्रेस ने गरीब वर्ग के लिए कभी कोई काम नहीं किया है। पूरे देश में दलितों को नौकरी में आरक्षण का कोटा भी पूरा नहीं हुआ है। दलित वर्ग को आरक्षण का लाभ पूरी तरह से नहीं मिल रहा है। देश में मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है।