कोटा: कोटा सिटी कोचिंग सेंटरों का एक हब बन चुका हैं। कोटा में देशभर से स्टूडेंट शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। आज कोटा में कोचिंग सेंटरों की भरमार हो गई हैं। स्टूडेंट की बढ़ती संख्या के कारण यह बहुत बड़े व्यवसाय का रूप ले चुका हैं। जिससे हर वर्ग के हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। लेकिन एक कड़वा सच यह भी है कि शिक्षा नगरी का रूप ले चुके कोटा शहर में कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक के बाद एक कोचिंग स्टूडेंट मौत को गले लगा रहे हैं। हाल ही में 27 मार्च को एक और कोचिंग छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक छात्रा पिछले साल कोटा में आई थी और नीट की तैयारी कर रही थी। पिछले करीब 20 दिन से वह महावीर नगर फर्स्ट स्थित एक पीजी में किराए का कमरा लेकर रह रही थी।
27 मार्च को बुधवार के दिन कोचिंग छात्रा के सुसाइड की खबर आई। लखनऊ में रहने वाली छात्रा सौम्या के फांसी लगाए जाने की पुलिस को सूचना दी गई। स्थानीय पुलिस ने छात्रा के शव को कोटा के एमबीएस चिकित्सालय में रखवा दिया था, परिजनों के आने के बाद छात्रा का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार छात्रा को लास्ट टाइम उसके दोस्त ने देखा था, जवाहर नगर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पिछले कुछ समय से कोटा में स्टूडेंट के सुसाइड के मामले सामने आ रहे हैं।
23 जनवरी को भी मुरादाबाद जिले के विलावला गांव निवासी 19 वर्षीय मोहम्मद जैद मलिक ने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद 30 जनवरी को बोरखेड़ा क्षेत्र की शिव विहार निवासी छात्रा निहारिका (18) ने अपने कमरे में आत्महत्या करने का समाचार मिला। उसके बाद 2 फरवरी को यूपी के गोंडा जिले के नूर मोहम्मद (27) ने आत्महत्या की थी। उसके बाद फिर 8 मार्च को छत्तीसगढ़ निवासी 16 वर्षीय छात्र शुभ चौधरी ने आत्महत्या कर ली। अभी लोग स्टूडेंट के सुसाइड के मामलों को भूले नहीं थे कि 26 मार्च को मोहम्मर उरूज (20) निवासी समधन गांव, जिला कन्नौज उत्तर ने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। अभी हाल ही में 28 मार्च को लखनऊ निवासी सौम्या नामक छात्रा ने फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।