नई दिल्लीः दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. ईडी शराब मामले में केजरीवाल से पूछताछ करना चाहती है. इसके ईडी केजरीवाल को आठ बार समन जारी कर चुकी है. लेकिन केजरीवाल ईडी के सभी समन को गैरकानूनी बताते हुए नजरअंदाज करते रहे है. इस सबके चलते आम आदमी पार्टी के सभी नेता भी ईडी के समन का विरोध करते देखे गए. इस सबको देखते हुए ईडी ने उसके समन को नजरअंदाज करने पर निचली अदालत का रुख किया था. ईडी ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष दो शिकायतें दायर कर, मामले में केजरीवाल को जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज करने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी.
दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज कराई गई दो शिकायतों पर निचली अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को यहां एक सत्र अदालत में चुनौती दी थी. केजरीवाल ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा के आदेशों के खिलाफ सत्र अदालत का रुख किया, जिन्होंने केजरीवाल को 16 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.
दिल्ली शराब नीति मामले में सेशन कोर्ट से भी सीएम केजरीवाल को फिलहाल अंतरिम राहत नहीं मिली है. सेशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम राहत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख करें. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल आज केजरीवाल के आवेदनों पर सुनवाई करने के बाद शुक्रवार को सीएम केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया है. ईडी ने कहा कि नई शिकायत आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक की ओर से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत संघीय जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन संख्या चार से आठ का सम्मान नहीं करने से संबंधित है.