चंडीगढ़: इस समय देश में लोकसभा चुनाव की हलचल दिखाई दे रही है। हर पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही है। देश की सभी पार्टियों में उम्मीदवारी के खींचतान देखने को मिल रही है। यहां पार्टियों के नेताओं में उम्मीदवार न बनाये जाने के चलते नेता पलटी मार रहे है। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने स्पष्ट कर दिया है कि वह लोक सभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। सिद्धू का कहना है, ‘अगर मुझे लोक सभा में जाना होता तो मैं कुरुक्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ लिया होता।’
नवजोत सिंह सिद्धू की इस घोषणा से कांग्रेस में चिंताएं बढ़नी लाजमी हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी पंजाब में सिद्धू को पटियाला लोक सभा सीट से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही थी। सिद्धू के प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं इसलिए प्रदेश कांग्रेस यह चाह रही थी कि अगर सिद्धू पटियाला से चुनाव लड़ेंगे तो अपनी सीट पर ही फोकस करेंगे।
पिछले कुछ समय से मीडिया में हुई चर्चा तो यही इशारा करती है कि सिद्धू के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के साथ बनती नहीं है। हाल ही में जब 11 फरवरी को पंजाब कांग्रेस के कार्यकारिणी की बैठक जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी आए थे लेकिन सिद्धू को नहीं बुलाया गया था।
साथ ही शायराना अंदाज में सिद्धू ने कहा, ‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी चाह कर तो कोई बेवफा नहीं होता।’ हालांकि, पार्टी नेताओं द्वारा कांग्रेस छोड़ने पर राजा वड़िंग के नेतृत्व पर सवाल उठने पर सिद्धू ने कहा ‘इसमें प्रदेश प्रधान की क्या जिम्मेदारी है। सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेवार होती है।’