नई दिल्लीः कोरोना के उस भयानक दौर को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। इसने जीवन के मायने ही बदल दिए थे। दुनिया के हर कोने में अजीब सा खौफ दिखाई दे रहा था। कोरोना वायरस के चलते इंसान ही दूसरे इंसान से इसी खौफ के कारण दूरी बनाये रखना चाहता था। दुनिया के सभी देशों की सरकारों ने भी अपने अपने नागरिकों को एक दूसरे से दूरी बनाये रखने के आदेश जारी किये हुए थे। कोरोना वायरस ने कई महीनों तक पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी। रोजाना चौबीसों घंटे हजारों की संख्या में शव दफनाए या जलाये जा रहे थे। हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने बताया कि कोरोना वायरस रूपी राक्षस अभी भी दुनिया में लोगों की जान ले रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मीडिया को बताया कि कोविड-19 से अभी भी दुनिया भर में प्रति सप्ताह लगभग 1,700 लोगों की जान जा रही है। इस सब को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जोखिम वाली आबादी से कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण जारी रखने का आग्रह किया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार सरकारों को अभी भी वायरस की निगरानी करनी होगी और विश्वसनीय परीक्षणों उपचारों और टीकों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए काम जारी रखने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने एक प्रैस वार्ता सम्मेलन में कहा कि मौजूद डेटा से पता चलता है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ-साथ 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में टीका कवरेज की गिरावट देखने को मिल रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार उच्चतम जोखिम वाले लोगों को 12 महीने के भीतर कोविड-19 वैक्सीन की आखिरी खुराक मिल जानी चाहिए।