Health News आजकल हमारे खानपान की बजह से शरीर में पथरी होने की समस्या लोगों में दिखाई देती हैं। शरीर में पथरी बनने की समस्या काफी दर्दकारक हो सकती है। मुख्यरूप से किडनी और पित्त की थैली में पथरी बनने की समस्या देखी जाती रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, किसी भी उम्र में आप पथरी की दिक्कतों के शिकार हो सकते हैं। आमतौर पर पथरी तब बनती है जब मूत्र में क्रिस्टल बनाने वाले कुछ पदार्थों की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। कैल्शियम की अधिकता के कारण ये दिक्कत होना सबसे आम है।
किडनी या फिर पित्त की थैली में पथरी बनने का कारण कुछ भी हो सकते हैं, इसमें आहार से संबंधित दिक्कतें सबसे प्रमुख मानी जाती हैं। कुछ प्रकार की चीजों के अधिक सेवन के कारण शरीर में क्रिस्टल बढ़ने का खतरा हो सकता है। पथरी की दिक्कतों से बचे रहने के लिए हम क्या कर सकते हैं, आइए जानते हैं –
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आहार में यदि ऑक्सलेट वाली चीजों की मात्रा को सीमित कर दिया जाए तो इससे पथरी बनने के जोखिमों को कम किया जा सकता है।
1 ) ऑक्सलेट प्राकृतिक रूप से कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जिनमें फल और सब्जियां, नट्स और सीड्स, यहां तक कि चॉकलेट और चाय भी शामिल हैं। मूंगफली, पालक, चुकंदर और शकरकंद के सेवन से शरीर में ऑक्सलेट की अधिकता हो सकती है। इन खाद्य पदार्थों का सेवन वैसे तो शरीर के लिए कई प्रकार से लाभप्रद है लेकिन इसकी अधिकता किडनी और पित्त की थैली में स्टोन को बढ़ाने वाली हो सकती है। इन चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए।
2 ) सोडियम की अधिकता वाली चीजें ब्लड प्रेशर का प्रमुख कारक मानी जाती रही हैं, नमक को सोडियम का स्रोत माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि अधिक मात्रा में नमक वाली चीजों के सेवन के कारण भी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है। अतिरिक्त सोडियम के कारण आपके मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है। हाई सोडियम वाले आहार के कारण पथरी होने की आशंका भी बढ़ सकती है।
3 ) स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सोडियम और ऑक्सलेट वाली चीजों की ही तरह से रेड मीट और कुछ प्रकार की मछलियों में उच्च मात्रा में प्यूरीन नामक प्राकृतिक रासायनिक यौगिक होता है। हाई प्यूरीन वाली चीजों के सेवन से यूरिक एसिड का उत्पादन बढ़ जाता है और ये मूत्र को अधिक अम्लीय बनी देती है। मूत्र में एसिड की अधिकता के कारण पथरी बनने का जोखिम बढ़ जाता है।
उपरोक्त लेख में जो जानकारी दी गई हैं वह ज्ञान बढ़ाने के लिये दी गई हैं। उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।